जीनगी के नाव
भोजपुरी पूर्णिका _ जीनगी के नाव।
खुद ना करी जे आपन रक्षा भगवान भी उनकर मददगार ना होई।
रखी ना जे पक्ष आपन सफाई से जज भी उनकर तरफदार ना होई।
अभी त शुरआत बा खा ला चाहे ठोकर जेतना गिर जीनगी के।
फिर दौड़ी जिनगी पंख लगाके मेहनत तोहार कबो बेकार न होई।
जबले रही जवानी जोश औरी जज्बा बुलंद रही जोर लगल रहे।
आई बुढ़ापा साथ ना देई शरीर आदमी के बात असरदार ना होई।
लगे छलांग एतना जैसे हनुमान लंका पार कईले एक ही छलांग में।
फिर मौका ना मिली चूक जाई मौका समय पर जे खबरदार ना होई।
पार करा आंधी तूफान चाहे आए सुनामी तोहसे बड़ा ना कोई।
समय ओरी अवसर के साथ चली जे सदा ऊ कबो कर्जदार ना होई।
योनि लाख चौरासी के बाद मिलल जीनगी के मोल अनमोल बा।
ललकार के लड़ जा हर आफत बला काहे नईया नदियापार ना होई।
श्याम कुंवर भारती ( राजभर)
बोकारो, झारखंड
मॉब.9955509286